Ananthग़ज़ल[ग़ज़ल का वो अंग जो पहले शे’र में दोनों मिसरों के अंत में और उसके बाद के हर शे’र के दूसरे मिसरे के अंत में वैसे का वैसा दोहराया जाता है…Apr 29Apr 29
Ananthग़ज़लन जदीद है, न रिवायती, कुछ अजीब है किसे क्या कहूँ, मेरी शायरी कुछ अजीब है (जदीद- नवीन/इस काल का; रिवायती- पारंपरिक)Feb 28Feb 28
Ananthपरिभाषाओं को लेकर काफ़ी नाटक है अब तो नायक खलनायक और खलनायक नायक है अब तो ऋषि, मुनि, कवि, संत और…अनन्त ‘फ़ानीFeb 28Feb 28